मध्य प्रदेश भोपाल: सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी समेत चार लोगों को एक साल जेल की सजा सुनाई गई है. एमपी-एमएलए कोर्ट ने यह फैसला साल 2009 के मामले में सुनाया है. सभी पर दस – दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगा है
राजगढ़ में 2009 में कांग्रेस ने किसानों को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलन किया था. विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने किया. कांग्रेस पदाधिकारी कलेक्टर के पास ज्ञापन देने जा रहे थे. उसी समय किसी ने पत्थरबाजी शुरू कर दी थी. घटना दंगे में तब्दील हो गई थी. दिग्विजय सिंह को भी चोट लगी.
गेहूं की कीमत बढ़ने तक जारी रहेगी लड़ाई : जीतू
सीएम ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, वह आज तक नहीं हुआ. गेहूं की कीमत तीन हजार रुपये प्रति क्विंटल होने तक लड़ाई जारी रहेगी। ये मामला भी किसानों की लड़ाई का है. जो सजा देनी हो दे दो, जेल भेज दो, फांसी दे दो, लेकिन किसानों के हक की लड़ाई जारी रहेगी।
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जीतू ने कहा कि उन्हें खुशी होती अगर उन्हें इससे भी बड़ी सजा मिलती और तीन हजार रुपये प्रति क्विंटल गेहूं का दाम तय होता. संघर्ष जारी है. लड़ाई जारी है और जारी रहेगी. हम सब मिलकर यह लड़ाई लड़ेंगे और जीतेंगे।’ हमारे पास एक कानूनी टीम है, वे समाधान निकालेंगे.’
2009 में 17 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी
साल 2009 में राजगढ़ में दंगा करने और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में पटवारी समेत 17 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. उन पर आईपीसी की धारा 148, 294, 353, 332, 332/149, 323, 323/149, 506(2), 336, 427 और सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम, 1984 की धारा 3 के तहत आरोप लगाए गए थे।
इसी मामले में शनिवार को विधायक जीतू पटवारी, उज्जैन कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र मरमट, घनश्याम वर्मा और राजगढ़ के पूर्व विधायक कृष्णमोहन मालवीय को सजा सुनाई गई है।