पहले दिन से योगी स्टाइल में मोहन यादव का एक्शन शुरू एमपी से दिल्ली तक बढ़ गई हलचल संघ के करीबी, मोदी के भरोसेमंद, कौन है मोहन यादव जिन्हे बीजेपी ने बनाया एमपी का मुख्यमंत्री ।
मोहन यादव को जैसे ही मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया गया वह भावुक हो गए और शपथ लेने के पहले ही योगी स्टाइल में कुछ ऐसा काम कर दिया कि देख कर पूरा देश हैरान रह गया सामने शिवराज सिंह थे इसी दौरान मोहन यादव ने कुछ ऐसा किया कि शिवराज सिंह भी देखते रह गए आखिरी वक्त तक शिवराज सिंह चौहान को यकीन नहीं हो रहा था कि उनकी जगह पर किसी और को मुख्य्मंत्री बना दिया जाएगा लेकिन जिस मोहन यादव का लिस्ट में नाम तक शामिल नहीं था आखिर उनके नाम का ऐलान कैसे हो गया इनसाइड स्टोरी जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
मोहन यादव को सिर्फ एमपी का मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया है बल्कि यूपी में अखिलेश यादव बिहार में लालू यादव का समेटने की जिम्मेदारी भी मोदी ने मोहन यादव को दी है। मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाने का जब ऐलान हुआ उसके बाद एक ऐसा नजारा देखने को मिला जिसे देखकर हर कोई हैरान था।
वही सभा से एक तस्वीर सामने आती है जब मोहन यादव को सामने से शिवराज सिंह फूल देते हैं और उसके बाद मोहन यादव शिवराज सिंह के पैर छूते हैं और शिवराज सिंह दबे मन से उन्हें आशीर्वाद भी देते हैं देखते-देखते ही यह क्लिप वायरल हो जाति है यह तस्वीर इसलिए भी खास है क्योंकि जब मुख्यमंत्री के नाम के ऐलान के लिए हाई लेवल मीटिंग चल रही थी तब शिवराज सिंह ही मुख्यमंत्री बनेंगे इसके नारे लग रहे थे लेकिन जब मोहन यादव के नाम का ऐलान हुआ तो हर कोई हैरान रह गया शिवराज सिंह 18 साल से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे लेकिन अब अपनी कुर्सी को किसी और के लिए छोड़नी पड़ी है लेकिन मोहन यादव को मोदी शाह ने मुख्यमंत्री के लिए क्यों चुना यह पूरा प्लान क्या है।
यह भी आप जानेंगे क्योंकि मोहन यादव तो मुख्यमंत्री सिर्फ एमपी के होंगे लेकिन इसका असर यूपी से लेकर बिहार तक होगा क्योंकि यूपी देश का सबसे बड़ा राज्य है जहां लोकसभा की 80 सीटे हैं और बिहार में 40 लोकसभा की सीटे हैं यूपी में मुलायम सिंह यादव का परिवार और बिहार में लालू परिवार का दबदबा है मोहन यादव ओबीसी समाज से आते हैं और ऐसे में 6 महीने बाद होने वाले लोकसभा के चुनाव में बीजेपी मोहन यादव को स्टार प्रचारक की लिस्ट में शामिल करेगी और यूपी बिहार में उतारेगी क्युकी यूपी बिहार में सबसे ज्यादा यादव वोटर हैं और इसका असर भाजपा के वोट बैंक में पड़ सकता है यही वजह है कि मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनते ही अखिलेश यादव परेशान हो गए हैं इसके साथ ही लालू परिवार के अंदर भी खलबली मची है ।
मोहन यादव 2 जुलाई 2020 को शिवराज सिंह चौहान सरकार में कैबिनेट मंत्री बने थे उनको उच्च शिक्षा मंत्री का कामकाज सौपा गया था यादव की छवि हिंदूवादी नेता की रही है और ये एबीवीपी संगठन से भी जुड़े थे। वही 25 मार्च 1965 को उज्जैन में जन्मे मोहन यादव ने विक्रम यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है पहले माना जा रहा था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया या फिर शिवराज ही सीएम बनेंगे लेकिन मोदी शाह ने एमपी को नया सीएम देकर चौंका दिया है।
इस फैसले से बीजेपी के कार्यकर्ताओं को यह भी संदेश गया है कि अगर वह ईमानदारी से काम करेंगे तो उनका नंबर भी मुख्यमंत्री के लिए कभी ना कभी आ सकता है क्योंकि ऐसे फैसले सिर्फ बीजेपी ही ले सकती है परिवारवाद पर चलने वाली पार्टियां ऐसा फैसला नहीं ले सकती हैं।
इधर योगी स्टाइल में मुख्यमंत्री बनते ही मोहन यादव ने बता दिया है कि आगे वह क्या करने वाले हैं मोहन यादव को जैसे ही मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान किया गया वह भावुक हो गए और शिवराज सिंह चौहान के पैर छू कर आशीर्वाद भी लिया इसके साथ ही 6 महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में एमपी के सभी 29 सीटों को जीतने की जिम्मेदारी भी उनके ऊपर होगी Mohan Yadav को मुख्यमंत्री बना कर क्या बीजेपी ने सही किया और इस फैसले पर आपकी क्या राय है क्या आपको भी लगता है कि मोहन राय की वजह से बीजेपी को यूपी और बिहार में भी फायदा होगा अपनी राय आप कमेंट बॉक्स पर लिखकर जरूर बताइए।