
रीवा कलेक्टर मनोज पुष्प ने आदेश जारी किया कि जिले में अब ऐसे हार्वेस्टर नही चल सकेंगे जिसमे स्ट्रारीपर का उपयोग नहीं हो रहा है। क्यों की स्ट्रारीपर न का उपयोग नहीं होने से भूसा नहीं निकलता है जिससे मवेशियों को भूषा नही मिल पाता है। इसी के चलते यह आदेश निकालने की आवश्यकता पड़ी। मध्य प्रदेश सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेने के बात उक्त आदेश के तहत सभी जिलों को यह निर्देश दिया है कि इसका कड़ाई से पालन हो।
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म. प्र. शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग म. प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक / डी- 7-6 / भोपाल, दिनांक 7.2.2017 के तारतम्य में प्रमुख सचिव म. प्र. शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा नेशनल ग्रीन टिब्यूनल के निर्णय दिनांक 8.11.2016 के पैरा क्रमांक 04 के अनुसार जिन क्षेत्रों में हार्वेस्टर से फसल की कटाई की जाती है वहां हार्वेस्टर के साथ स्ट्रारीपर के उपयोग को अनिवार्य किए जाने एवं रीपर के उपयोग को बढ़ावा दिए जाने के लिए निर्देश दिए गए थे। उक्त निर्देशो के परिपालन में कृषकों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए उपयोगी मशीन जैसे हैप्पी सीडर, जीरो ट्रिल सीड ड्रिल रिमर्सिबल, प्लाऊ, स्ट्रारीपर रेक बेलर एवं ग्रेडर आदि यंत्र को क्रय करने के लिए प्रेरित किया जाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
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रीवा जिले में वर्तमान में कृषकों तथा पशुपालकों को भूसे की आवश्यकता को देखते हुए यह आवश्यक है कि स्थानीय स्तर पर भूसे की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा सके। साथ ही इस कदम से गर्मियों में लगने वाली आग की दुर्घटनाओं से होने वाले जन-धन के नुकसान पर भी प्रभावी नियंत्रण किया जा सकता है। अतः ऐसे क्षेत्रों में जहां हार्वेस्टर से गेहूं की फसल कटाई की जा रही है वहां पर हार्वेस्टर के साथ स्ट्रारीपर के उपयोग को भूसा बनाने हेतु अनिवार्य किया जाता है। बिना स्ट्रारीपर के हार्वेस्टर से फसल कटाई पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया जाता है।
यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा।
