मध्यप्रदेशरीवा

सिकंदर का जादू देखने का मन बना रहे हैं उससे पहले पढ़ें ये खबर आप के बड़े काम की है

कृष्णा राज कपूर ऑडिटोरियम में चल रहा सिकंदर के लूट खसोट का खेल

जिले के राज कपूर ऑडिटोरियम में चल रहे सिकंदर के लूट खसोट खेल जनता के बीच खूब सुर्खियां बटोर रहा है। एक ओर जहां लोग जादू को मनोरंजन का माध्यम मानते हैं, वहीं दूसरी ओर सिकंदर जैसे लोग जादू के नाम पर लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं। इतना ही नहीं इन करतबों के दौरान यहां बैठी दर्शक जिनमें बच्चें भी होते हैं उनके सामने अवैध तरीके से हथियारों की नुमाइश भी की मदद जाती, इन हथियारों का इस्तेमाल कर सिकंदर वहम की स्यिति पैदा करता है, जिसे लेकर दर्शक खुद को ठगा महसूस करते है उनका मानना है की जादू के नाम पर लिए गए पैसे से सिकंदर इधर – उधर समय बरबाद कर हाथ की सफ़ाई दिखाता है जिसमें जादू जैसा कुछ महसूस नहीं होता इसके अतिरिक्त अवैध हथियारों की नुमाइश करता है जो शो देख रहे बच्चों पर गलत प्रभाव डालता है।

यही कारण है की कई लोगों ने सवाल उठाते है कि आखिर पुलिस और कानून व्यवस्था कहां है? रीवा नेहरू नगर के निवासी हिमांशु का कहना है कि जादूगर सिकंदर जनता को बेवकूफ बना रहा है। प्रचार में कुछ और दिखाई देता है किंतु अंदर कुछ ऐसा नहीं होता मेहगी टिकट खरीद कर जो लोग सिकन्दर का जादू देखने जाते हैं किंतु जादूगर केवल जनता को बेवकूफ बना रहा है। सिकंदर धारदार अवैध हथियारों से जनता के आंखों में धूल झोंक रहा है जिससे बच्चों पर गलत प्रभाव पड़ रहा है,

नहीं है कोई सुरक्षा व्यवस्था

ऑडिटोरियम में चल रहे सिकंदर के बेवकूफ बनाने वाले खेल में कोई भी सुरक्षा व्यवस्था नहीं है। जिससे कभी भी किसी तरह की अनहोनी हो सकती है जिसके लिए सुरक्षा के इंतेजाम नही किए गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था न होने पर बड़ी घटना घटित हो सकती है।

संस्कृत कार्यक्रमों के उद्देश्य से बना ऑडिटोरियम बन गया लुटेरों का अड्डा

हृदय स्थली कहे जाने वाले सिरमोर चौराहा स्थित कृष्णा राजकपूर अडिटोरियम को जादू का खेल दिखाने जादुगर सिकंदर को दिया गया है। जबकी यह भवन सामाजिक सांस्कृतिक गतिविधियों के उद्देश्य के लिए बनाया गया था किंतु सांस्कृतिक कार्यक्रम के अलावा ज्यादातर अन्य कार्यक्रमो हेतु आवंटित किया जाता है तो उद्देश्यों से भटक गया है अब सवाल यह उठता है की जादू के नाम तमाम तरह के असलहे तलवार के अलावा अन्य हथियार रखने अथवा प्रदर्शन करने की अनुमति किसके द्वारा दी गई है ? क्या इसकी जानकारी पुलिस के पास है ? साथ ही दिखाये जा रहे खेल से बच्चो पर क्या प्रभाव पड़ेगा यह विचारणीय प्रस्न है जिसे अनदेखा किया जा रहा है यदि बच्चे इस तरह के खतरनाक खेल का अभ्यास घर में करते हैं और उन्हे किसी तरह की क्षति पहुंचती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?

पुलिसिया कानून पर सवाल

इस मामले ने पुलिसिया कानून पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सिकंदर के शो में अवैध हथियारों जिनमें असलहे, तलवार, आदि का इस्तेमाल एक गंभीर अपराध है, लेकिन अब तक पुलिस ने इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। सवाल यह उठता है कि आखिर पुलिस क्या कर रही है? क्या वे इस मामले को नजरअंदाज कर रहे हैं या फिर सिकंदर की पहुंच इतनी ऊंची है कि पुलिस भी उसके खिलाफ कार्रवाई करने से डर रही है?

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