राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस, रीवा में आयोजित कार्यक्रम में माननीय प्रधानमंत्री जी के उद्बोधन के प्रमुख बिन्दुः
मैं रीवा की इस ऐतिहासिक धरती से माँ विंध्यवासिनी को प्रणाम करता हूं। यह धरती शूरवीरों, धरती पर मर मिटने वालों की है।
मैं अनगिनत बार रीवा में आपके बीच आया हूं, और हमेशा मुझे आपका भरपूर प्यार और स्नेह मिलता रहा है।
आप सभी को, देश की ढाई लाख से अधिक पंचायतों को, राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं।
आज आपके साथ, तीस लाख से अधिक पंचायती राज के प्रतिनिधि हमारे साथ वर्चुअली जुड़े हुए हैं, यह भारत के लोकतंत्र की सशक्त तस्वीर है।
हम सभी जनता के प्रतिनिधि है। हम सभी इस देश, लोकतंत्र के प्रति समर्पित हैं। काम के दायरे भले ही अलग अलग हों, लेकिन हमारा लक्ष्य जनसेवा से राष्ट्रसेवा का ही है।
केंद्र की योजनाओं को हमारी पंचायतें पूरी निष्ठा से जमीन पर उतार रही हैं।
आज यहां ई ग्राम स्वराज और ई ग्राम पोर्टल को मिलाकर नई व्यवस्था लॉन्च की गई है, इससे आपका काम और आसान हो जाएगा।
पीएम स्वामित्व योजना के अंतर्गत देश के 35 लाख ग्रामीण परिवारों को प्रॉपर्टी कार्ड दिये गये हैं।
आज मध्यप्रदेश के विकास से जुड़ी 17 हजार करोड़ से अधिक की रेल परियोजनाएं, गरीबों के पक्के घरों, पेयजल मिशन, गाँव-गरीब का जीवन बनाने वाले और रोजगार परक योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है।
MCU REWA: मीडिया की पढ़ाई के लिए सर्वोत्तम माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय
2014 से पहले पंचायतों के लिए वित्त आयोग का अनुदान 70 हजार करोड़ रुपये से भी कम था, हमारी सरकार आने के बाद ये बढ़कर 2 लाख करोड़ से भी अधिक हो चुका है।
https://www.youtube.com/watch?v=pNWcb8pFbTA
2014 से पहले के दस वर्षों में ग्राम पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाने की योजना शुरु की थी, तब 70 से भी कम, शहरों के पास की पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाया था। हमारी सरकार ने 2 लाख से अधिक पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर को लेकर गई है।
बापू कहते थे कि भारत की आत्मा गाँवों में बसती है। लेकिन कांग्रेस ने गाँधी जी के विचारों को भी अनसुना कर दिया।
नब्बे के दशक में पंचायती राज के नाम पर खानापूर्ति की गई, लेकिन पंचायतों की ओर ध्यान नहीं दिया गया। आज हमारी पंचायतें, गाँवों के विकास की प्राणवायु बनकर उभर रही हैं। हम पंचायतों की मदद से गाँवों और शहरों की खाई को लगातार कम कर रहे हैं।
आज यहाँ पर ई ग्राम स्वराज जेम इन्टीग्रेटिड पोर्टल का शुभारम्भ हुआ है, इससे पंचायतों के माध्यम से होने वाली खरीदी प्रक्रिया सरल और पारदर्शी बनेगी। इससे पंचायतों को कम कीमत में सामान मिलेगा और स्थानीय छोटे उद्योगों को अपना सामान बेचने का सशक्त माध्यम मिलेगा।
पीएम स्वामित्व योजना में भी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है। इस योजना से ड्रोन टेक्नोलॉजी द्वारा सर्वे हो रहा है, नक्शे बन रहे हैं, जिसके आधार पर बिना किसी भेदभाव के कानूनी दस्तावेज लोगों के हाथ में सौंपे जा रहे हैं।
अभी तक देशभर में 75 हजार गाँवों में प्रॉपर्टी कार्ड देने का काम पूरा हो चुका है। मध्यप्रदेश की सरकार इसमें बहुत बेहतरीन काम कर रही है।
छिंदवाड़ा के लोगों पर आपने लम्बे समय तक भरोसा किया लेकिन वे आपके और इस क्षेत्र के विकास को लेकर इतना उदासीन क्यों रहे। इसके जवाब कुछ राजनीतिक दलों की सोच में है।
कांग्रेस के राज में गाँवों की आधारभूत सुविधाएं और अर्थव्यवस्था को सरकारी प्राथमिकता में सबसे निचले पायदान पर रखा गया।
गाँवों में रहने वाली देश की आधी से अधिक आबादी के साथ सौतेला व्यवहार करने से देश आगे नहीं बढ़ सकता।
हमारे यहाँ संपत्ति को पुरुष के नाम पर करने की प्रथा थी, लेकिन हमने ये रिवाज बदला है और अपनी माताओं बहनों व बेटियों को मालिकाना हक दिया है।
आज पीएम आवास का हर घर एक लाख से अधिक का होता है, हमने देश में करोड़ों दीदीयों को लखपति दीदी बनाया है।
आज भी यहाँ 4 लाख से अधिक लोगों का पक्के घरों में गृह प्रवेशम हुआ है।
पीएम सौभाग्य योजना के तहत ढाई करोड़ से अधिक घरों में पहुंची है, इनमें भी ज्यादातर घर गाँव के हैं।
गाँव के लोगों के लिए हमने हर घर जल योजना शुरु की है। बीते तीन-चार साल में 9 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों के घर में नल से जल मिलने लगा है।
पहले मध्यप्रदेश के 13 लाख ग्रामीण परिवारों तक नल से जल पहुंचता था, आज 60 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों तक नल से जल पहुंचने लगा है।
हमने जन धन योजना के माध्यम से गाँव के 40 करोड़ से ज्यादा लोगों के खाते खुलवाए। इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के माध्यम से पोस्ट ऑफिस का उपयोग कर गांवों तक बैंकों की पहुंच बढ़ाई।
हर घर जल योजना पर साढे़ 3 लाख से ज्यादा खर्च किया जा रहा है। दशकों से अधूरी पड़ी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 1 लाख करोड़ से अधिक रुपये खर्च किये जा रहे हैं। पीएम ग्रामीण सड़क योजना में हजारों करोड़ों रुपये भेज जा रहे हैं।
पीएम किसान सम्मान निधि ने करीब ढाई लाख करोड़ रुपये सीधे किसानों के खातों में भेजे हैं। यहाँ मध्यप्रदेश के लगभग 90 लाख किसानों को साढ़े 18 हजार करोड़ रुपये इस योजना के तहत मिले हैं। रीवा के किसानों को भी करीब 500 करोड़ रुपये दिये गए हैं।
हमने एमएसपी बढ़ाने का काम किया है, इससे भी गाँवों में हजारों करोड़ रुपये अतिरिक्त पहुंचे हैं। बीते तीन साल से हम गाँव में रहने वाले गरीबों को मुफ्त राशन दे रही है, इस योजना पर तीन लाख करोड़ से अधिक रुपये खर्च किये जा रहे हैं।
गाँवों में रोजगार-स्वरोजगार के अवसर देने के लिए केंद्र सरकार मुद्रा योजना चला रहा है। बीते वर्षों में इस योजना द्वारा 24 लाख करोड़ रुपये की मदद दी गई है। जिससे गाँवों में करोड़ों लोगों ने अपना रोजगार शुरु किया है।
हम गाँवों में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त कर रहे हैं। बीते नौ साल में 9 करोड़ महिलाएं स्व-सहायता समूहों में शामिल हुई हैं। मध्यप्रदेश में भी ऐसी 50 लाख से ज्यादा महिला स्व-सहायता समूहों से जुड़ी हैं। हर समूह को बिना बैंक गारंटी के 20 लाख रुपये तक का ऋण दिया जा रहा है।
यहां राज्य सरकार ने हर जिले मे दीदी कैफे भी बनाया है। पिछले पंचायत चुनावों में स्व-सहायता समूहों से जुड़ी करीब 17 हजार बहनें पंचायत प्रतिनिधि के तौर पर चुनी गई हैं। मैं मध्यप्रदेश की नारी शक्ति को इसके लिए बधाई देता हूं।
हमें प्राकृतिक खेती के महत्व को समझना होगा। धरती की ये पुकार हम सभी को समझनी होगी। मेरा आग्रह है कि हमारी पंचायतें, प्राकृतिक खेती को लेकर जनजागरण अभियान चलाएं।
छोटे किसान, पशुपालक, मछुआरों की मदद के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियानों में पंचायतों की भागीदारी महत्वपूर्ण है।
छिंदवाड़ा-नैनपुर-मंडला फोर्ट रेल लाइन के बिजलीकरण से इस क्षेत्र के लोगों की दिल्ली, चेन्नई और हावड़ा तक की कनेक्टिविटी और आसान हो जाएगी। इसका बड़ा लाभ हमारे आदिवासी भाई-बहनों को भी होगा।
आज छिंदवाड़ा-नैनपुर के लिए नई ट्रेनें भी शुरु हुई हैं। इससे कई गाँव और कस्बे, जिला मुख्यालय छिंदवाड़ा और सिवनी से जुड़ जाएंगे। अब नागपुर और जबलपुर जाना भी आसान हो जाएगा।
रीवा-इतवारी-छिंदवाड़ा तक चलने वाली नई ट्रेन से सिवनी और छिंदवाड़ा सीधे नागपुर से जुड़ जाएंगे।
यहाँ की बढ़ती हुई कनेक्टिविटी यहाँ पर पर्यटन को भी बढ़ाएगी और रोजगार के नए अवसर भी बनाएगी।
डबल इंजन की सरकार ने आज आपकी खुशियाँ भी डबल कर दी हैं।
आप सभी के आशीर्वाद, स्नेह और सहयोग से मन की बात आज इस मुकाम पर पहुंचा है। मन की बात में मैंने मध्यप्रदेश के कई लोगों का जिक्र किया है।