रीवा – लोकसभा चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के उपरांत शांतिपूर्ण, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्वाचन कराने के लिए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी प्रतिभा पाल ने निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि मुद्रण कार्य करने वाले सभी संस्थानों को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127 क तथा भारत निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करें।
जारी आदेश में कहा गया है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127 क के अन्तर्गत प्रकाशक उम्मीदवार या राजनैतिक दल की प्रचार सामग्री मुद्रण करने के पूर्व निर्धारित प्रारूप में अनिवार्य रूप से घोषणा पत्र प्राप्त करेंगे। मुद्रण का अभिप्राय किसी दस्तावेज की अनेकानेक प्रतियां तैयार करने से है। निर्वाचन पम्पलेट अथवा पोस्टर तथा निर्वाचन संबंधी अन्य सामग्री मुद्रित करने पर सामग्री पर मुद्रक तथा प्रकाशक का नाम, पता स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाना अनिवार्य होगा।
इस तरह की सभी सामग्री निर्वाचन सामग्री की श्रेणी में आएगी जो अभ्यार्थी या अभ्यार्थियों के निर्वाचन को समप्रवर्तित या प्रतिकूलता प्रभावित करने प्रयोजन से मुद्रित कराई जाएगी। सभी मुद्रणालयों को सामग्री मुद्रण करने के तीन दिवस के अन्दर प्रत्येक मुद्रित सामग्री की 3 अतिरिक्त प्रतियों सहित जिला दण्डाधिकारी कार्यालय में जमा करानी होगी। परिशिष्ट क में मुद्रक द्वारा प्रकाशक से संबंधित उम्मीदवार, राजनैतिक दल से जो घोषणा पत्र लिया जाएगा। वह घोषणा पत्र साफ-सुथरा विधिवत रूप से हस्ताक्षरित तथा उसे व्यक्तिगत तौर पर जानने वाले दो व्यक्तियों द्वारा अनुप्रमाणित होना चाहिए।
जिला दण्डाधिकारी को अग्रेषित करते समय मुद्रक द्वारा अनिवार्य रूप से अनुप्रमाणित किया जाएगा। मुद्रक द्वारा मुद्रित सामग्री प्रकाशित करने के अन्दर सामग्री की चार प्रतियां प्रकाशक से प्राप्त घोषणा पत्र प्रिन्टर के दस्तावेज की संख्या, मुद्रण के वसूल की कीमत का ब्यौरा संलग्न कर निर्धारित प्रारूप में प्रस्तुत किया जाएगा। सभी सामग्री की मुद्रक द्वारा अलग-अलग मुद्रित प्रतियों की संख्या और वसूल की गई राशि की जानकारी अनिवार्य रूप से देनी होगी।