टीआरएस कॉलेज रीवा: ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय रीवा में इन दिनों समेस्टर परीक्षाएं संचलित हो रही हैं एवं महाविद्यालय में पानी और बिजली की गंभीर समस्या बनी हुई है। महाविद्यालय में बिजली तो है परन्तु विजली से चलने वाले उपकरण नहीं हैं । इतना तो आप को आभास हो गया होगा कि कहने का तात्यपर्य क्या है । कहने का तात्यपर्य यही है कि महाविद्यालय में पंखे कि कमी है ।
Super speciality hospital rewa: इस हॉस्पिटल में पूर्व सैनिकों का होगा निःशुल्क इलाज ! ईसीएचएस काउंटर का हुआ शुभारम्भ
इसी तरह कॉलेज में पानी भी है परन्तु पानी को फ़िल्टर करने वाले उपकरण नहीं है क्यों कि जो वाटर प्यूरीफायर हैं वो ख़राब पड़े हैं । महाविद्यालय में पैसे की कोई कमी नहीं है । पैसे की कमी होती तो करोड़ों का भ्रष्टाचार कैसे होता।
इस भीषण गर्मी में छात्र महाविद्यालय में परीक्षा देने आते हैं तो उन्हें पीने का पानी नसीब नहीं होता और जब छात्र प्राचार्य के पास जाते हैं तो उनका जवाब होता है फण्ड नहीं है। महाविद्यालय प्रबंधन के द्वारा सभी क्लासरूम के सामने मिट्टी के मटके रखे गए हैं और उनमे खारा और गर्म पानी भर दिया जाता है जो कि छात्र उसी पानी को पीने के लिए मजबूर होते हैं क्यों कि ज्यादातर छात्र सामान्य परिवार से होते हैं वो पानी का बॉटल नहीं खरीद सकते हैं । छात्र महाविद्यालय में बतौर फीस मोती रकम भरते हैं , किसी किसी कक्षा में तो फीस लाखों में होती है।
MP Congress: कमलनाथ देंगे ये पांच बड़ी सौगात
छात्रों के स्वास्थ्य के साथ महाविद्यालय प्रबंधन खिलवाड़ कर रहा है । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महाविद्यालय के जनभागीदारी अध्यक्ष राजेंद्र ताम्रकार महाविद्यालय में प्रतिदिन मौजूद रहते हैं और मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग ने उन्हें महाविद्यालय प्रबंधन की देख-रेख के लिए नियुक्त किया है वो भी महाविद्यालय की अव्यवस्थाओं में सुधार नहीं ले आ पाए अव्यवस्थाएं जश की तस हैं। कॉलेज के अधिकतर प्राध्यापक एयरकण्डीशन रूम में बैठते हैं। उनके सभी विभाग के अंदर आरो और फ्रिज की व्यवस्था है यह व्यवस्था भी छात्रों के पैसे से हुई है।
महाविद्यालय में जब से प्रभारी प्राचार्य डॉक्टर अर्पिता अवस्थी ने पदभार भ्रहण किया है तब से आज तक मरम्मत और मेंटिनेंस के नाम पर कोई काम नहीं कराया गया है। महाविद्यालय के कक्षों में पंखे तो लगे है परन्तु चलते नहीं है उनकी देखरेख नहीं की जा रही है जले पड़े हैं। महाविद्यालय में पूर्व प्राचार्य के द्वारा छात्रों को स्वच्छ पेय जल की व्यवस्था के लिए पानी का फ़िल्टर प्लांट लगाया गया था जो कि देखरेख के अभाव में लाखों रूपये का प्लांट पूर्णतः नष्ट हो चूका है।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार महाविद्यालय में हुआ एक और नया काण्ड
महाविद्यालय में आज दिनांक 16/06/23 को दूसरी पाली कि परीक्षा में एमएससी मैथ चौथे समेस्टर के छात्रों को एमएससी तीसरे समेस्टर का प्रश्नपत्र दे दिया गया जब छात्रों के द्वारा शोर शराबा किया गया तब आनन फानन में कॉलेज प्रबंधन ने पीरक्षा निरस्त की। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं की महाविद्यालय के प्राध्यापक अपने कार्य के प्रति कितने सजग हैं जो पिछले समेस्टर का प्रश्नपत्र छात्रों को थमा दिए । सूत्रों से पता चला है कि गोपनीय विभाग में दिनभर बैठ कर अपना बिल बाउचर बनाकर पास करते रहते हैं।
कोई भी नियमित प्राध्यापक नहीं करता परीक्षा ड्यूटी
परीक्षा में किसी भी नियमित प्राध्यापक की वीक्षकीय ड्यूटी नहीं लगाई गई है सम्पूर्ण परीक्षा अतिथि विद्वानों और जनभागीदारी / स्ववित्तीय प्राध्यापकों के माध्यम से संचालित कराई जा रही है । कई नियमित प्राध्यापक महाविद्यालय में उपस्थिति दे कर चलते बनते हैं। महाविद्यालय की स्थिति दिनोंदिन ख़राब होती जा रही है। क्यों कि टीआरएस कॉलेज के भर्ष्टाचारिओं पर कोई कार्यवाही नहीं होने से उनका मनोबल बढ़ा हुआ है और उनकी महाविद्यालय के कार्यों में कोई रूचि नहीं रहती है ।