मध्यप्रदेशरीवा

Vidhansabha Chunav: रीवा विधानसभा सीट बीजेपी से दूर जाती दिख रही है?

Vidhansabha Chunav: रीवा विधानसभा सीट बीजेपी से दूर जाती दिख रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रीवा दौरा आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी के मद्दे नजर क्या संकेत देता है ।

मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने में अब कुछ ही महीने बाकी हैं. जिसके चलते सभी पार्टियों के नेता अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय नजर आने लगे हैं. अब इन दोनों पड़ोसी राज्यों की सियासत भी गर्माने लगी है. पक्ष और विपक्ष के नेता एक-दूसरे पर जमकर बयानबाजी कर रहे हैं. सभी नेता अपने क्षेत्र के मतदताओं को रिझााने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. इसी कड़ी में रीवा जिले की रीवा विधानसभा सीट में भी स्थानीय जनप्रतिनिधि और विधायक राजेंद्र शुक्ल  पूरी ताकत से सक्रिय हैं.

Rewa Mauganj News:मऊगंज में बस ऑपरेटरों के बीच चले लात-घूंसे, सड़क पर देर रात लगा लंबा जाम

प्रदेश की भाजपा सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम भी रीवा में रखा है । जो कि बीजेपी के  सबसे लोकप्रिय चेहरे के रूप में जाने जाते हैं  । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रीवा दौरे को लेकर आम जन में चर्चा तेज हो गई है कि क्या सच मे रीवा विधानसभा सीट इस बार कांग्रेस के खेमे में जा रही है? या फिर यह एक संयोग मात्र है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का रीवा दौरा

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बहुत सक्रिय हैं । जिसके चलते अनेक घोषणाएं  और योजनाओं को लागू किया जा रहा है । हाल ही में शुरु हुई लाड़ली बहना योजना (Ladli Bahna Yojna) को इनका मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है । इसके बाद भी विंध्य में चुनावी ऊंट, किस करवट बैठेगा यह कहना आसान नही है । इस बात से प्रदेश सरकार और भारतीय जनता पार्टी का नेतृत्व परिचित है.

Rewa News: ठेकेदार की गुण्डई आई सामने , बालू एवं गिट्टी दाल कर नाली को किया बंद ।

तभी तो विंध्य की राजधानी कहे जाने वाले रीवा जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा निर्धारित हो गई है । चुनावी जानकारों का मानना है कि प्रधानमंत्री की लोकप्रियता से विंध्य के मतदाता साधे जाएँगे । बीजेपी नही चाहती कि पिछले चुनाव में सर्वाधिक सीट देने वाला यह क्षेत्र (Vindhya) इस बार कमजोर हो. इसी बीच कुछ जगहों में यह भी चर्चा सुनने में आई है  कि इस बार रीवा विधानसभा जैसी सुरक्षित सीट भी खतरे में है तभी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का यह कार्यक्रम रीवा में आयोजित करते हुए डैमेज कंट्रोल करने का प्रयास कर रहे हैं ।

विधानसभा रीवा का इतिहास (History of Rewa Assembly)

रीवा जिले की रीवा विधानसभा सीट (Rewa Assembly Seat) जिसे भाजपा के नजरिए से सबसे सुरक्षित सीट माना जा रहा है. इस सीट में पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं वर्तमान विधायक राजेन्द्र शुक्ल दो दशक से भाजपा को बढ़त दिलवाए हुए हैं. इसके पहले यह सीट कांग्रेस पार्टी के कब्जे में थी ।

पिछली जीत का अंतर-: राजेन्द्र शुक्ल ने 2018 चुनाव के आम चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अभय मिश्रा को 18 हजार से अधिक मत से हराया था । उक्त चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार राजेंद्र शुक्ल और कांग्रेस के प्रत्याशी अभय मिश्रा के बीच पहले कड़ी टक्कर देखी गई, और अंत मे बीजेपी के लिए यह मुकाबला राजेन्द्र शुक्ल ने जीत कर सीट को सुरक्षित रखा। राजेन्द्र शुक्ल को 69806 वोट मिले, कांग्रेस के हाथ 51717 वोट ही आए. रीवा विधानसभा के मतदाताओं की संख्या देखें तो आंकड़ों के मुताबिक यहां लगभग 3 लाख 10 हजार के आस-पास मतदाता हैं. इसमें एक लाख 49 हजार महिला मतदाता तथा 1 लाख 61 हजार पुरुष मतदाता बताए गए हैं.

राजेन्द्र शुक्ला की स्थिति

यदि आगामी चुनाव में राजेंद्र शुक्ल की स्थिति को मतदाताओं के नजरिए से देखे तो इसे बहुत अच्छा नही कहा जा सकता है. इसका अंदाजा हाल ही में हुए महापौर के चुनाव परिणाम को देखकर लगाया जा सकता है कि भाजपा के प्रबोध व्यास को कांग्रेस के अजय मिश्रा बाबा ने दस हजार से ज्यादा मत से हराया. जबकि इस चुनाव में राजेन्द्र शुक्ल से लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खूब मेहनत भी की थी. पर जनता कांग्रेस प्रत्याशी के साथ गई. यहीं से कांग्रेस पार्टी के पक्ष में माहौल देखा जाने लगा ।

कांग्रेस में दावेदारों की बहार

अब आगामी विधानसभा चुनाव के लिए आमजन में यह भी चर्चा है कि इस बार भाजपा के लिए राह बहुत मुश्किल है, यह डगर आसान नहीं समझ आ रही है . वहीं दूसरी सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस (Congress) के खेमे में रीवा विधानसभा सीट से उम्मीदवारो की अधिकता ही उनके लिए खतरा है। कांग्रेस की ओर से रीवा विधानसभा सीट की टिकट के लिए इंजी.राजेन्द्र शर्मा (Rajendra Sharma), महिला नेत्री कविता पाण्डेय  (Kavita Pandey) , गुरमीत सिंह मंगू (Gurmeet Singh) को बड़ा उम्मीदवार माना जा रहा है। जिसमे इंजी.राजेन्द्र शर्मा (Rajendra Sharma) पूर्व में राजेंद्र शुक्ला (Rajendra Shukla) से चुनाव हार चुके हैं, तो कविता पाण्डेय (Kavita Pandey) को महापौर चुनाव में भाजपा की ममता गुप्ता (Mamta Gupta) ने हराया था। गुरमीत सिंह (Gurmeet Singh) जिन्हें लोग मंगू सरदार के नाम से भी जानते हैं इन्हें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) का करीबी भी माना जाता है।

हाल ही में गुरमीत सिंह (Gurmeet Singh) को पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी भी सौंपी है । ऐसे में कांग्रेस पार्टी के लिए अपना चुनावी उम्मीदवार चुनना ही बड़ी चुनौती है।  इस सब के बीच अजय मिश्रा (Ajay Mishra) बाबा के नाम पर लोग सकारात्मक दिख रहे हैं।

अजय मिश्रा (Ajay Mishra) बाबा की भूमिका

आगामी विधानसभा चुनाव में रीवा महापौर और कांग्रेस नेता अजय मिश्रा (Ajay Mishra) बाबा को सबसे प्रभावी व्यक्ति माना जा रहा है । चुनाव जीतने में इनकी बड़ी भूमिका देखी जा रही है । रीवा के आम वोटर तो अजय मिश्रा (Ajay Mishra) बाबा में अगला विधायक देखते हैं । राजनीतिक जानकार बताते हैं कि यदि कांग्रेस नेतृत्व अजय मिश्रा (Ajay Mishra) बाबा को विधानसभा टिकट देती है तो इनकी जीत पक्की है । अजय मिश्रा (Ajay Mishra) सभी जाति वर्ग एवं समुदाय के बीच लोकप्रिय नाम मे से एक हैं । अजय मिश्रा (Ajay Mishra) बाबा कई दफे पार्षद चुने जाने के बाद महापौर चुनाव में दस हजार वोट से जीत दर्ज कर बीजेपी को बड़ा झटका दिया। महापौर चुनाव में दो दशकों का भाजपा दौर समाप्त करने वाले अजय मिश्रा (Ajay Mishra)  को विधानसभा चुनाव में भी रीवा विधानसभा सीट से सबसे मजबूत विजयी प्रत्याशी माना जा रहा है ।

पुष्पराज सिंह (Pushpraj Singh) कहाँ रहेंगे बरकरार

रीवा राजघराने के महाराज एवं पूर्व मंत्री पुष्पराज सिंह (Pushpraj Singh) विधानसभा चुनाव तक किसके साथ रहते हैं यह भी चर्चा में शामिल है । वर्तमान विधायक राजेन्द्र शुक्ला (Rajendra Shukla) ने ही पुष्पराज सिंह (Pushpraj Singh) को चुनाव हराकर सत्ता से दूर किया था । इसके बाद रीवा महाराजा पुष्पराज सिंह (Pushpraj Singh) अलग-अलग पार्टियों में होते हुए अब भाजपा के साथ हैं। फिर भी लोगों में चर्चा तो बनी है कि ये आगामी चुनाव में किसके साथ होंगे यह भी रीवा विधानसभा में जीत-हार का कारण बन सकता है ।

जनता किसके साथ

सम्पूर्ण मध्यप्रदेश की तरह रीवा विधानसभा सीट में भी मुद्दों की कोई कमी नहीं है. बिजली, पानी , रोजगार समेत कई मुद्दें है जिनके कारण आम-जन अपना मत निर्धारित कर सकते हैं. हमारे सहकर्मी ने जब लोगों से यह जानना चाहा कि वर्तमान सरकार और  विधायक के कार्य तथा विकास को आप कैसे देखते हैं ? इस प्रश्न का  मिला-जुला उत्तर सुनने को मिला। मतदाओं का कहना था कि जिस प्रकार की घोषणा वर्तमान सरकार द्वारा की गई वह पूरी नही हुई, वर्तमान विधायक (Rajendra Shukla) को लेकर उनका कहना था कि वह (Rajendra Shukla) कोई कार्य मना नही करते भले ही उस कार्य को करें या न करें। अब हम मतदाता लोग समझ गए हैं कि हमें क्या करना है। आप ने विकास की बात की है तो  बता दें कि रीवा विंध्य प्रदेश की राजधानी रहा है। यह  (Rewa) हमेशा वक्त के साथ विकास की दौड़ में अब्बल रहा है । यहाँ स्कूल कॉलेज, सहित विश्वविद्यालय आदि सब कुछ पहले से है । यहाँ मेडिकल की सुविधा अच्छी रही है , यह सम्भाग मुख्यालय  है, अब सोचिए इसमें कौन से जनप्रतिनिधि ने योगदान दिया है. वर्तमान विधायक एवं सरकार ने सड़क सुविधाओं को जरूर बेहतर किया है। उपरोक्त बातें रीवा विधानसभा  (Rewa Vidhasabha) के मतदाताओं द्वारा बताई गई । जनता के इस तरह के मिले-जुले रुझान से स्थिति स्पष्ट है कि दोनों पड़ी पार्टियों (Congress-BJP) को अभी बहुत मेहनत की जरूरत है। यह मेहनत तब  और जरूरी हो जाती है जब आम आदमी पार्टी  (Aam Admi Party) ने मध्य प्रदेश में अपनी पकड़ मजबूत करने का कार्य शुरू कर रखा है ।

पिछले परिणाम और आगामी चुनाव

2008 और 2013 के आम चुनाव में राजेंद्र शुक्ल (Rajendra Shukla) की टक्कर बहुजन समाज पार्टी (BSP) से थी । इसके बाद पिछले चुनाव में कांग्रेस (Congress) के अभय मिश्रा (Abhay Mishra) चुनाव भले ही नही जीत पाए लेकिन कांग्रेस  पार्टी को टक्कर में लाकर खड़ा कर गए । कांग्रेस पार्टी फिर से अभय मिश्रा (Abhay Mishra) पर दांव खेलती है या किसी नए चेहरे पर, या फिर भाजपा विधायक राजेंद्र शुक्ल   (Rajendra Shukla) इस सीट को बचा पाते हैं या रीवा को नया विधायक मिलेगा इन सभी प्रश्नों के उत्तर आगामी विधानसभा चुनाव और उसके  परिणाम में ही पता चलेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button